Irfan

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پر وار کیا ہے

suno


आज उसने ये पैगाम दिया है
नजरो से दिल पर वार किया है

मैंने जिस का इंतजार क्या है
चाहत पर उसकी एतबार किया है

देकर सफर मैं साथ मेरा 
उसने हर लम्हा मेरे नाम किया है

रूबरू आ कर पूछा हाल दिल का
जिसने आसानी से दिल चुराया है

पिलाया था जाम पैमाने से उसने
आंखो को अपनी मेहखाना किया है

उसकी कसक थी  दिल मैं मेरे और
तुमने अपनी चाहत मैं दीवाना किया है

तू जलती शमा मुझे परवाना किया है
तू बहती नदी  मुझे किनारा किया है

नाज़ है फलक को अपने मेहताब पर
हमने जमीन के मेहताब को पसंद
किया है

हम तो यूंही बदनाम हुए जाना
तोहमते लगी हम पर आशिक को 
आवारा किया है

irfan...✍️

سنو

آج اُسنے پغام دیا ہے نظروں سے دل پر وار کیا ہے
میں نے جیسکا انتظار کیا ہے چاہت پر اُسکی اعتبار کیا ہے

دے کر سفر میں ساتھ میرا اس نے ہر لمحہ میرے نام کیا ہے
رو برو آ کر پوچھا ہال دل کاجس نے آسانی سے دل چرایا ہے

پلایا تھا جام پیمانے سے اس نے آنکھوں کو اپنی محکھانا کیا ہے
اسکی کسک تھی دل میں اور تم نے اپنی چاہت میں دیوانہ کیا ہے

تو جلتی شمع مجھے پروان کیا ہے تو بهتی ندی مجھے کنارا کیا ہے

ناز ہے فلک کو اپنے مہتاب پر ہم نے زمین کے مہتاب کو پسند کیا ہے
ہم تو یونہی بدنام ہوئے جانا تہمتِ لگی ہم پر عاشق کو آوارہ کیا ہے

عرفان

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